गीतिका/ग़ज़ल

ग़म क्या करना

ख़ार हो फूल हो हालात पे ग़म क्या करना
मैं तो कहता हूँ किसी बात पे ग़म क्या करना

ख़ाक को आग बना दे वो अगर चाहे तो
ख़ाक हो आग हो औकात पे ग़म क्या करना

कीमती है ये बहुत और मुलाकातों से
आख़िरी बार मुलाकात पे ग़म क्या करना

ढूढता था न मिला आज ख़ुद मिलेगा वो
मौत की रात हसीं रात, पे ग़म क्या करना

जीत पर नाम लिखा ग़र है किसी अपने का
जीत से लाख गुना, मात पे ग़म क्या करना
                          :प्रवीण श्रीवास्तव ‘प्रसून’
                             फतेहपुर उ.प्र.
                              8896865866
                        

प्रवीण श्रीवास्तव 'प्रसून'

नाम-प्रवीण श्रीवास्तव 'प्रसून' जन्मतिथि-08/03/1983 पता- ग्राम सनगाँव पोस्ट बहरामपुर फतेहपुर उत्तर प्रदेश पिन 212622 शिक्षा- स्नातक (जीव विज्ञान) सम्प्रति- टेक्निकल इंचार्ज (एस एन एच ब्लड बैंक फतेहपुर उत्तर प्रदेश लेखन विधा- गीत, ग़ज़ल, लघुकथा, दोहे, हाइकु, इत्यादि। प्रकाशन: कई सहयोगी संकलनों एवं पत्र पत्रिकाओ में। सम्बद्धता: कोषाध्यक्ष अन्वेषी साहित्य संस्थान गतिविधि: विभिन्न मंचों से काव्यपाठ मोबाइल नम्बर एवम् व्हाट्सअप नम्बर: 8896865866 ईमेल : praveenkumar.94@rediffmail.com