हरियाणा के एक गांव ने बेटियों-बहुओं को घूंघट से दी आज़ादी
“परंपरा तब तक सुंदर है, जब तक वह पंख न काटे। घूंघट हटा, तो सपनों ने उड़ान भरी।”“जहां घूंघट गिरा,
Read More“परंपरा तब तक सुंदर है, जब तक वह पंख न काटे। घूंघट हटा, तो सपनों ने उड़ान भरी।”“जहां घूंघट गिरा,
Read Moreरात की चादर तले, स्क्रीन पर उठता है शोर,लाहौर की दीवारें काँपती हैं, ऐसा चलता है ज़ोर।धमाकों की छवियाँ, सीजीआई
Read Moreकभी किसी शाम की थकी हुई साँसों में,तुम्हारा एक हल्का सा “कैसे हो?” उतरता है —जैसे रेगिस्तान में कोई बूँद
Read Moreकश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुआ आतंकी हमला सिर्फ एक गोलीबारी नहीं थी—यह एक ऐसा खौफनाक संदेश था
Read Moreजब बर्फ़ीली घाटी में ख़ून बहा,तब दिल्ली में सिर्फ़ ट्वीट हुआ।गोलियाँ चलीं थी सरहद पार से,पर बहस चली—”गलती किसकी है
Read Moreपहलगाम हमला जिहादी मानसिकता का परिणाम है। मोदी सरकार ने हमेशा आतंकवाद का मुँहतोड़ जवाब दिया है। राजनीतिक आलोचना आतंकवाद
Read Moreशब्दों से पहले चुप्पियाँ थीं,सिलवटों में सिसकती बेटियाँ थीं।किताबों में दर्ज़ थीं उम्मीदें,मगर दीवारों में बंद इज़्ज़त की तिज़ोरियाँ थीं।
Read Moreशिक्षा या शिकारी जाल? पढ़ी-लिखी लड़कियों को क्यों नहीं सिखा पाए हम सुरक्षित होना? अजमेर की छात्राएं पढ़ी-लिखी थीं, लेकिन
Read Moreशिक्षा, स्वास्थ्य, चिकित्सा, थाना और तहसील जैसे पाँच संस्थानों की विफलता गंभीर चिंता का विषय है। शिक्षा अब ज्ञान नहीं,
Read Moreकोई पानी रख दे, कटोरे में भरकर,मैं भी जी लूं ज़रा, इस तपते शहर में।ना पुकार है मेरी किसी हैडलाइन
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