ज्योतिबा फुले: क्रांति की मशाल
धूप थी अज्ञान की, अंधकार था घना,उग आया फूले-सा एक सूर्य अनमना।ज्योति बनी वह वाणी, दीप बना विचार,टूटे पाखंडों के
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Read Moreफुले केवल उन्नीसवीं सदी के समाज सुधारक नहीं थे, बल्कि वे आज भी जाति, लिंग और वर्ग आधारित असमानताओं के
Read Moreकैसे लोग अंधभक्ति में बाबा की पेशाब को “प्रसाद” मानकर पी सकते हैं, लेकिन जाति के नाम पर दलित व्यक्ति
Read Moreमोबाइल ने छीन ली, हँसी-खुशी की बात।घर के भीतर भी नहीं, दिल से कोई साथ।। पिता लगे संदेश में, माँ
Read MoreALLEN Career Institute, हिसार प्रकरण पर एक सख्त सवाल हिसार स्थित ALLEN Career Institute पर अभिभावकों ने आरोप लगाए हैं
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Read Moreकभी एक आँगन था…जहाँ माँ की साड़ी की ओट मेंदुनिया छुप जाया करती थी।अब उसी आँगन में,“सीमा रेखा” खींची गई
Read Moreहाल ही में एक प्रमुख अखबार की हेडलाइन ने ध्यान खींचा—“शहर में बंदरों और कुत्तों का आतंक।” यह वाक्य पढ़ते
Read Moreटैरिफ, यानी व्यापार शुल्क, वैश्विक व्यापार को प्रभावित करने वाला एक महत्वपूर्ण आर्थिक उपकरण है। हाल के वर्षों में, विशेष
Read More“है प्रीत जहाँ की रीत सदा मैं गीत वहाँ के गाता हूँभारत का रहने वाला हूँ भारत की बात सुनाता
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