बादल
घम-घम-घम बादल गरजे, चम-चम-चम बिजली चमके। काले-काले बादल ऐसे भागे, जैसे सागर में नौकाएं दौड़े।। झम-झम-झम वृष्टि बरसे, अंग-अंग धरा
Read Moreमां चाहे जैसी भी हो, मां सबकी अच्छी होती है। प्रेम के सागर मे डूबी , कलकल बहती नदियां जैसी
Read Moreमैं जलियांवाला बाग हूं, डायर की कायरता का साक्षी हूं। क्या हुआ था जलियांवाला बाग मे? आज फिर याद दिलाने
Read Moreहिरण्यकश्यपु दानव राज, अत्याचारी दुर्जन। नारायण से रखता बैर, खुद को कहता ईश्वर।।१।। आततायी के आतंक से, भयभीत रहती प्रजा।
Read Moreतू नदियां के धार सी, कलकल करती जाती है। बिना किसी से आस लगाए, निरन्तर चलती जाती है।। हिरणी सी
Read Moreओ परिंदे क्यों फसते हो? इन गिद्धो की चाल मे। बिछाते है जो शतरंजी मोहरे, लड़ जाते हो तुम बाज
Read Moreदो किनारों पर, नारी बहती नदियां-सी। दोनो किनारे होते, अनमोल बहुत-ही।। एक किनारा जनम देता, देता नव रूप आकार। प्यार
Read Moreआलस मनुष्य का शत्रु है, आलस से कोई काम सिद्ध नही होता है। आलसी को कोई पसंद नही करता, वह
Read Moreदिखा दे शक्ति का अवतार है तू हे नारी उठ उठा ले भाल,कृपाण,त्रिशूल बन जा रणचङी,दुर्गा,भवानी अब तेरी है बारी
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