ग़ज़ल – शबनमी मोती
दिल ने जब भी, तेरे आने की ख़बर पाई है। धड़कनों में भी, कोई बर्क़ सी लहराई है। है तबस्सुम
Read Moreदिल ने जब भी, तेरे आने की ख़बर पाई है। धड़कनों में भी, कोई बर्क़ सी लहराई है। है तबस्सुम
Read Moreदुनियाँ के सफ़र में है हयात मुसाफ़िर भटक रही यहां पर है किसकी खातिर एक राह है आने की जाने
Read Moreअश्रु भरे नयनों से तुमको, देखे दुनियां सारी। अजर अमर हो बसे दिलों में, सबके अटल बिहारी। रहा हमेशा सादा
Read Moreस्वप्न में भी तू न रोना तू शहीद की है मां हौसला सबका बढ़ाना तू शहीद की है मां न
Read Moreगुनगुनाती है हवाएं तुम आओ तो सही दे रहा दिल भी सदाएं तुम आओ तो सही बहरे हस्ती में चलो
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