Author: राज किशोर मिश्र 'राज'

गीत/नवगीत

गीतिका =खुशहाल होने दो ज़रा

फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन 2122 2122 212 ==================== जख्म के अवसान कहने दो ज़रा/ चल रही बरसात चलने दो ज़रा/ कह

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कविता

हंसवाहिनी मैहर वाली माँ शारद वरदान दे ,

हंसवाहिनी मैहर वाली ,माँ शारद वरदान दे , बुद्धि , शौर्य ,शील  ,का अनुपम भंडार   दे/ ज्ञान अरु विज्ञान

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