संस्कार आचार – विचार वंशानुक्रम वातावरण एवम् अभिसमय
संस्कार आचार – विचार वंशानुक्रम वातावरण एवम् अभिसमय को झुठलाया नहीं जा सकता । मानवीय जीवन में उसके प्रभाव सतत
Read Moreसंस्कार आचार – विचार वंशानुक्रम वातावरण एवम् अभिसमय को झुठलाया नहीं जा सकता । मानवीय जीवन में उसके प्रभाव सतत
Read Moreनूर से नज़्म बना प्यार का समुंदर है । हार से जीत थी बदतर दिले सिकंदर है। गीत लिखना सरल गीत
Read Moreपहन नहाए रेनकोट मन पड़ा ना तनिकउ छींटा। झोंका आया पानी बरसा बुलट प्रूफ का भींटा। खपड़ा नारिया मड़ही टूटिगा
Read Moreबर्फ़ीली तूफ़ानों में लड़ता रहा रणधीर सर्पीली ग्लेशियर में लड़ा बहादुर वीर लड़ा बहादुर वीर बढ़ाया मान देश का शौर्य
Read Moreसत्रह वर्ण जापान का साहित्य हायकू विधा । =============== तीन पंक्तियाँ पाँच सात औ पाँच पूरित भाव । ================= भाव
Read Moreहाथ गुलाबी फूल हिया में बिधते उसके शूल गजब दस्तूर वसूल | लोहे को पारस ने छूकर उसको किया निर्मूल
Read Moreमिटाने अँधेरा चला दीप जैसे, निशा खिलखिलाती बताते रहे हम । कहाँ का अँधेरा मिटाने चला तू, सदा रोशनी दिल
Read Moreमनोभाव से क्या कविता का प्रादुर्भाव होता है ? विचार रखने में क्या हम कविता की परिधि में आ सकते
Read Moreसुप्रभात सभी मित्रों को अँग्रेज़ी नववर्ष २०१७ की अनंत शुभकामनाएँ प्रेम में शबरी मिले हरि , प्रेम में गणिका तरी।
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