मिटाने अँधेरा चला दीप जैसे

मुक्तक/दोहा

मिटाने अँधेरा चला दीप जैसे

मिटाने अँधेरा चला दीप जैसे, निशा खिलखिलाती बताते रहे हम । कहाँ का अँधेरा मिटाने चला तू, सदा रोशनी दिल

Read More