Author: राज किशोर मिश्र 'राज'

कविता

माँ दूध अमृत के समान होता है

वर्ण-पिरामिड ये शक्ति द्योतक ओजपूर्ण ममतामय सर्वशक्तिमान हे माता तेरा पय । दे दुग्ध जीवन चराचर रूपअनेक क्षमता विवेक अगणित

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