कैसे लगाते छुपकर घात देख ली
आँखों ही आँखों में रात देख लीकैसे बदल जाती है बात देख ली सामने से सामना होता नही है अबकैसे
Read Moreआँखों ही आँखों में रात देख लीकैसे बदल जाती है बात देख ली सामने से सामना होता नही है अबकैसे
Read Moreबेशर्मी अब ज़ीनत बन गयी, असमत तार तार हुईइस बेढंगी दुनियाँ में देखो , हया यहां बेजार हुई दफ़न हो
Read Moreतुझसे बेहतर यहां शबाब, ढल के चले गयेचाहे अर्श से पूंछ लो, चाहे फर्श से पूंछ लो। जितनी तेरी नजर
Read Moreसुबह गुजर गई, दोपहर में आ गयेअब सांझ तेरी ओर बढ़ती आ रही। न जला तू तेज किरनों से यहां
Read Moreभारत देश के 18वीं लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी जी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली, किन्तु पहली
Read Moreवर्तमान समय में बडी प्रचंडता के साथ उठने लगी हैं सूर्य की ज्वालाएं! भले ही ये ज्वालाएं मुनष्य के लिये
Read Moreझलक एक दे दो चले जायेंगेंइन कूंचो में फिर ना हम आएंगे आखिरी एक सावन बरस जाने दोबस यूँ ही
Read Moreरोशन गलियां सारी हैं, फिर भी कोई अंधेराजो राह दिखाये जीने की, रहनुमा वही लुटेरा ऐसे रात सिमट जाती, बेनूर
Read Moreकाम काज सब छोंडो भाईऋतु देखो मतदान की आई आओ छोटकी बड़की आओलोक तंत्र मजबूत बनाओदादा काका तुम सभी चलोघड़ी
Read Moreएक पत्रकार जलती हुयी उस मोमबत्ती के समान होता है जो खुद जलकर अंधेरे को चीरने के लिये एक रोशनी
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