चलो कहीं सैर हो जाए –15
उस असुर की ख़ामोशी देखकर भोले बाबा अंतर्ध्यान होना ही चाहते थे कि वह कुटिल मुस्कान लिए कह उठा ”
Read Moreउस असुर की ख़ामोशी देखकर भोले बाबा अंतर्ध्यान होना ही चाहते थे कि वह कुटिल मुस्कान लिए कह उठा ”
Read Moreथोड़ी देर तक हम लोग उसी नदी के किनारे किनारे चलते रहे । वह एक पहाड़ी नदी थी जिसमें पत्थर
Read Moreमोदीजी का मास्टर स्ट्रोक आज समाचार चैनलों पर एक खबर प्रमुखता से दिखाई गयी । मोदीजी ने एक बड़ी महत्वपूर्ण
Read Moreहे सूर्य ! उगो ! ( छठ के पावन अवसर पर उगते सूर्य को अर्ध्य देने का प्रचलन है ।
Read Moreसुबह के लगभग दस बज चुके थे । सुशिलाजी की सेहत के बारे में फिक्रमंद लालाजी डॉक्टर माथुर जी के
Read Moreसुबह तड़के ही अमर की नींद खुल गयी थी। हालाँकि गुलाबी ठण्ड की वजह से बीच बीच में वैसे भी
Read Moreहे चाँद बताओ कभी कभी ‘ क्यूँ देर से आते हो देर से आकर भी क्यूँ ‘ बादल में छिप
Read Moreरमेश बड़ी तेजी से शहर में दवाई की दुकान की तरफ बढ़ा जा रहा था । जल्दबाजी में वह अस्पताल
Read Moreडॉक्टर माथुर को यह उम्मीद थी कि लालाजी अमर के बारे में पूछ कर उससे मिलने के लिए बेताब हो
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