नई चेतना भाग –२०
ईधर बीरपुर में लाला धनीराम का मजबूत ह्रदय भी अपने पुत्र अमर की जुदाई का गम सहते हुए कमजोर हो
Read Moreईधर बीरपुर में लाला धनीराम का मजबूत ह्रदय भी अपने पुत्र अमर की जुदाई का गम सहते हुए कमजोर हो
Read Moreथोड़ी ही देर में नारायण नहाधोकर बाल्टी में पानी लिए वापस आ गया था । कमरे में आकर नारायण ने
Read Moreधनिया को अधिक प्रयास नहीं करना पड़ा । बाबू उठ बैठा । धनिया बोली ” अब हमें देर नहीं करनी
Read Moreबाबू वहाँ से तो बड़ी तेजी से चला था लेकिन कुछ ही दूर आकर उसकी गति शिथिल पड गयी थी
Read Moreउधर लालाजी के पीछे चलते हुए बाबू बस्ती से काफी दूर आ गया था । खेतों के बीच ही बने
Read Moreबाबू के सवालों के प्रत्युत्तर में अमर थोड़ी देर खामोश रहा और फिर एक गहरी सांस लेते हुए बोला ”
Read Moreअमर मुश्किल से आधा घंटा भी नहीं सो पाया था कि सामने के कमरे से एक अस्पताल कर्मी बाहर आया
Read Moreएक दिन शहीद का बेटा यह बोला ” बतलाओ माँ ! पापा घर कब आयेंगे ? लायेंगे कब मेरे सुन्दर
Read Moreचौधरी रामलाल की जीप कच्ची पगडंडी से होती हुयी शहर को जानेवाली मुख्य सड़क पर पहुंचकर तूफानी गति से शहर
Read Moreअमर के सर से रक्त की धार बह निकली । उसकी आँखों के आगे अँधेरा छाने लगा लेकिन हिम्मत नहीं
Read More