/ रूक गयी वह आशा /
जीने के लिए वह दौड़ता था इधर – उधर, कहीं दूर ना था उसे अपने खान – पान का सुध
Read Moreजीने के लिए वह दौड़ता था इधर – उधर, कहीं दूर ना था उसे अपने खान – पान का सुध
Read Moreसमझ लो मेरे प्यारे भाइयो ! करोना के इस आपात काल में एक दूसरे से दूर – दूर रहकर अछूत
Read Moreबटोरो अपनी शक्ति को एकता के बिंदु पर एकांत के क्षणों में विजय तुम्हारा ही होगा असहाय मत समझो, यह
Read Moreएक दूसरे से हम हर दिन बोलते हैं शुभोदय वास्तव में शुभ व अशुभ का नहीं होता कभी सूर्य का
Read Moreघंटिकाएँ अब चारों ओर बजने लगीं करोना का विकराल नृत्य थमने का नाम नहीं ले रहा भौतिक दूरी से अलग
Read Moreभक्त नहीं बनूँगा मैं किसी का और स्वीकार नहीं करूँगा कुटिल तंत्र के स्वामित्व का अंध परंपरा का अनुकरण अमानवीय
Read Moreजन्म हुआ था, महार जाति में विकास हुआ था, विश्वनर के रूप में वर्ण के साथ, वर्ग के साथ, जाति
Read Moreसच कहना एक साहस है जाति के इस समाज में सच सुनना भी अपराध है अंध श्रद्धा के आवरण में
Read More