कोटि कोटि नमन माँ को
थपकियाँ दे दे के मुझे , माँ जो सुलाती है नहीं आने वाली भी , नींद मुझे आ जाती है
Read Moreथपकियाँ दे दे के मुझे , माँ जो सुलाती है नहीं आने वाली भी , नींद मुझे आ जाती है
Read Moreहे गंगा मैया , तुझे प्रणाम ! देश – विदेश से लोग हैं आते सुन – सुन तेरा नाम पावन
Read Moreरुक मत चल घर धोखा है ….. क़दम – क़दम पर धोखा है ….. घूम रहा है हर कोई …..
Read Moreग़ज़ल लिखने के लिए ,साथियो न कोई जूलियट,न हीर चाहिए दिल में बस ज़रा-सी जागी दर्द की अनूठी तासीर चाहिए
Read Moreमुस्कानों को अपनी मैंने,रखा है बचाकर ओढ़ लूँगी दुःख मैं ,रखती अधरों पर सजाकर ओढ़ा दूँगी इसे ,किसी दुखी ज़रुरतमंद
Read Moreमुट्ठियों में बंद लकीरों से भी किस्मत न बदल पाई है फिर जली है ,कहीं कोई अभागिन किसी सुहागिन ने
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