कविता रितु शर्मा 03/08/201502/08/2015 कविता सुन तू सच्चे मोतियो के एहसास सा तुझसे कोई दावा तो नही ना ही कोई इश्क की मेहंदी का हथेली Read More
कविता रितु शर्मा 02/08/2015 कविता रखती है जिन्दा मुझे तेरे मिलने की आस अब जब भी आना ,तो बादल की आगोश बन आना फिर हमारे Read More
कविता रितु शर्मा 09/07/201504/07/2015 कविता शहर के उपर नीले साफ़ आकाश का शामियाना मन में बिना पंख उड़ने की चाह हवा में उड़ती सौधी गंध Read More
कविता रितु शर्मा 08/07/201504/07/2015 कविता जैसे हुई नही उस रात के बाद सुबह झरता रहा अँधेरा अंदर बाहर उसने कहा चित्त लेटो हो जाएगा सब Read More
कविता रितु शर्मा 07/07/201508/07/2015 कविता मन के घोड़े पर जब तक जानने की इच्छा सवार नहीं होगी भटकन यूँ ही रहेगी सदियां गुजर जाने से Read More
क्षणिका रितु शर्मा 06/07/201504/07/2015 क्षणिका सूरज को मान हैं अपनी रौशनी पर शायद उसने अभी तेरी चाहत को मेरे पहलू में नही देखा ….!! …रितु Read More
क्षणिका रितु शर्मा 05/07/201504/07/2015 क्षणिका ईश्वर ने जड़ों में दुख कुछ वैसे ही डाला जैसे बड़ी श्रद्धा से सीधा आंचल कर तुलसी में जल देती हू Read More
कविता रितु शर्मा 04/07/2015 कविता राँझना तुम्हे पता हैं अकेले बर्फ ही नही जमती वक्त भी जम जाता हैं हो जाता हैं सख्त चट्टानों की Read More
कविता रितु शर्मा 16/06/201514/06/2015 जी लो मुझे लो जी लो मुझे ज़िंदगी की एक बूँद हूँ मैं पी लो मुझे मेरे कण कण में डूब जायेगा तू Read More
कविता रितु शर्मा 15/06/201514/06/2015 सुनो सोना चाहती हूँ बस एक पुरसुकून नींद… कितना थकी हुई हूँ नहीं लगा सकते तुम अंदाजा… हूँ कितनी सदियों से Read More