उनको शीश झुका के सौ- सौ बार नमन…
तन-मन जीवन तक अर्पन कर न्यौछावर जो हुए वतन पर। उनको शीश झुका कर सौ- सौ बार नमन… जब दुश्मन
Read Moreतन-मन जीवन तक अर्पन कर न्यौछावर जो हुए वतन पर। उनको शीश झुका कर सौ- सौ बार नमन… जब दुश्मन
Read Moreधूप को चाँदनी नहीं लिखते आँसुओं को खुशी नहीं लिखते जो कलमकार हैं किसी हालत रात को दिन कभी नही
Read Moreबहुत बेचैन हैं कलियाँ गुलों का रंग फ़ीका है ये मंज़र साफ़ कहता है यकींनन ड़र किसी का है गुलों
Read Moreकुछ भी नही असम्भव जग में, जब करने की ठाने मन। चिंता छोड़ करो चिंतन बस, चिंता छोड़ करो चिंतन।।
Read Moreहाकिमों का दंभ बढ़कर आसमां छूने लगे जब। देश में जन क्राँति का उदघोष करना है जरूरी।। भूल कर जब
Read Moreअपनी हद को पार न करना जीवन को दुष्वार न करना कुर्सी पर जब भी बैठो तो बेबस को लाचार
Read Moreदरबारियों की टीम का हिस्सा नही हुआ मेरा तभी जहान में चर्चा नही हुआ यूँ तो मेरा रुका ही नही
Read Moreएक वही सबका पालक है क्या तुमको इसमें भी शक है नालायक तो है नालायक जो लायक है वो नायक
Read Moreइस तरह हम आजमाए जा रहे हैं हर क़दम काँटे बिछाए जा रहे हैं क्या ग़जब है तीरगी का साथ
Read Moreमेरे मन में झाँका ही कब तुमने मुझको समझा ही कब कहते हो मैं गैर नही हूँ तुमने अपना माना
Read More