चेहरे पर चेहरा लगाकर जी रहा है आदमी
चेहरे पर चेहरा लगाकर जी रहा है आदमी। खुद से भी खुद को छुपाकर जी रहा है आदमी॥ कहने को
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Read Moreयह दुनियां रंग मंच है, किरदार है हम सारे। करना है वही हाल, लिखा है जो उसने प्यारे॥ नियति ने
Read Moreनवल किशोरी चली, ब्रज की चकोरी चली मुरली की तान सुन, मन नाहि धीर है। जिसे देखो हर कोई, सुध
Read Moreरास्ते अंजान से है हमसफ़र कोई नही। भीड है काफी यहाँ अपना मगर कोई नही॥ देख कर उसको लगा की
Read Moreसच्चाई को ख़ार मिल रहे, झूठ के दामन फूल, ज़माना बदल गया। झूठ हो रहा महिमा मंडित सत्य फांकता धूल,
Read Moreअदा से क्या जादू कर रहे हो, नज़र से दिल में उतर रहे हो। निगाहें तुम पर रुकी हुई है,
Read Moreभावना को बना आरती का दिया तेरी, पूजा करुं है तमन्ना यही। मन के मंदिर का तुमको बना देवता, तुमको
Read Moreरस्मो रिवाज कौन निभाता है आजकल। ये बोझ भला कौन उठाता है आजकल॥ खुदगर्जियों का दौर है खुद में ही
Read Moreउठ रहा बिन आग के ही जब धुआं क्या कीजिये। वहम की होती नही कोई दवा क्या कीजिये॥ धडकनें तो
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