पाती प्रियवर क्यों लिखे
क्यों लिखोगे खत हमको,जब दिल में तेरे हैं हरदम|एहसास में मेरे हर वक्त हो,धड़कन मेरी हो तुम हमदम| दृगों के
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Read Moreआज खुद से खुद की मुलाकात करते हैं कुछ जरूरी संग कुछ खास बात करते हैं। तलाशते हैं हम जो
Read Moreबना ली है जब हमने दूरीफिर आड़े ना आए मजबूरी। सामने ना वह आए कभीचाहे कितना भी रहे जरूरी। सम्पूर्णता
Read Moreसुनसान सड़क पर कलेजे से लगाए नवजात शिशु को, चली जा रही थी बेखौफ निडर, ममता की प्रतिमूर्ति शिशु की
Read Moreन जाने वह यह सब कर लेती थी कैसे? तंगी भरे दिनों में भी रख कंधे पर हाथ निकाल देती
Read Moreहम एक तरफ बात करते हैं, कंधे से कंधा मिलाकर काम करने की| स्त्री पुरुष दोनों एक सम हैं साथ
Read Moreलाक्षागृह की तरह ही था गोधरा कांड, काश कोई मिल जाता उस वक्त भी विदुर, तो कभी ना होता उनका
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