नैनो में अश्रु
हाथों की मेहंदी वो देखे नैनों में अश्रु भर कर, मन ही मन जिसको वरे थे ना हुआ वो हमसफ़र|
Read Moreहाथों की मेहंदी वो देखे नैनों में अश्रु भर कर, मन ही मन जिसको वरे थे ना हुआ वो हमसफ़र|
Read Moreएक शाम अलसाई सी कभी व्यथित कभी हर्षायी सी जैसे छिटक डाली से फूल हर एक पल में मुरझाई सी|
Read Moreमन लगता बदहवास है तेरे बगैर अब, बुझी बुझी सी शाम है तेरे बगैर अब| खिड़की से ताकते रहे सुदूर
Read Moreकब कहा हमने तुमसे की दिखा दो हमें ताजमहल| लाखों में आते हैं यात्री है वह दर्शनीय स्थल| पर वो
Read Moreतुम जो कुछ हो आज किसी का योगदान होगा जमीर रख दी गिरवी पर उसका निशान होगा| मेहनत तो बेशक
Read Moreकैसे कह दें कि हम करते हैं सृजन भावनाओं का सिर्फ तो वह होता चित्रण बोटियाँ जो कट रही है
Read Moreमैं और मेरे स्वयं के संग चलती अक्सर तनातनी| वह क्यों कहती है हमसे ना करना अब मनमानी|| लिखने को
Read Moreसैनिक सरहद पर खड़े, देश के वह जवान| हम बैठे अपने घरों, उन पर है अभिमान|| किसका होगा लाल वो,
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