राम सत्य है सदा से
वर्षों की तपस्या का आज मिला है पावन फल| सत्य की होती है जीत बाकी सब निरर्थक निष्फल| आज सनातनी
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Read Moreसुन सखे इस निलय में, एक दीप प्रेम का जलाओ, बाती की भांति जलूं अब, बनकर शलभ तुम आ जाओ|
Read Moreसुनता जा ओ निर्मोही पथिक देख-देख तूने क्यों किया भ्रमित? यह लोचन अब ढूंढे हैं तुझको मुझे बिसार कर क्या
Read Moreमौन से तेरी हो रही थी बातें, जैसे शुष्क हृदय में जज्ब हों बरसातें| भीग गई बारिश में कुंतल तेरे
Read Moreजो आ जाऊँ तो मूक उधर जाने को कह दूँ तो बेखबर, कैसे समझूँ जज्बात प्रिय किस विध
Read Moreअब हो गई है मुद्दत, उफ्फ यह जद्दोजहद, राष्ट्रभाषा बनाने की परिश्रम और यह शिद्धत| हूँ बहुत ही शर्मसार, लगता
Read Moreक्या हुआ बेटा? कुछ चाहिए? अपनी चुन्नी हटाते हुए नंदिनी ने कहा| नंदिनी ने उस बच्ची से कहा फिर वापस
Read Moreमांडवी का त्याग बड़ा या उर्मिला का समर्पण? ना जाने उहापोह कैसा चलते रहता है अंतर्मन| जीवन में हर कोई
Read Moreमन लगता बदहवास है तेरे बगैर अब, बुझी बुझी सी शाम है तेरे बगैर अब| खिड़की से ताकते रहे सुदूर
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