Author: *प्रो. शरद नारायण खरे

गीत/नवगीत

आजा़दी हमारी

हिम्मत,ताक़त,शौर्य विहंसते,तीन रंग हर्षाये हैं ! सम्प्रभु हम,है राज हमारा,अंतर्मन मुस्काये हैं !! क़ुर्बानी ने नग़मे गाये, आज़ादी का वंदन

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