देवी भक्ति- गीत
(नवरात्रि पर भक्तों की गुहार सुनकर माता रानी जब धरा पर आने को तत्पर हुई तो स्वर्गलोक और कैलाश स्थित
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Read Moreभारत माँ के भाल की बिन्दी,हिन्दी की पहचान रे!बिन हिन्दी के सूना लागे,मेरा हिन्दुस्तान रे, मेरा हिन्दुस्तान। सूर-मीरा-रसखान का कान्हा,नैन
Read Moreपिछले आठ-दस महीनों से यमराज का नृत्य प्रेम अचानक बढ़ गया है। अब वे फुफकारते हुए भैंसे पर बैठकर नंगा
Read Moreमैं बाँहों में सृजन, कलम में प्रलय सजाया करता हूँबुझते मन में दीप, दिलों में आग जलाया करता हूँ।कितने अनगढ़
Read Moreतुम अपना धर्म निभाओ, मैं अपना धरम निभाऊँदेवों के चरण पखारो तुम, मैं मानव पर मिट जाऊँ। जब शूल भेदते
Read Moreकर रहे हैं नमन उन शहीदों को हम जो समर मे अमर हो गये थे कभी हम रहें न रहें
Read Moreसुलग उठा फिर आज हिमालय, सुलग उठी फिर घाटी है सुलग रहा है बच्चा-बच्चा, आग उगलती माटी है दगाबाजियों ने
Read Moreइन दिनों मुझे हर व्यक्ति में कोरोना दिखता है। लगता है कोरोना ब्रह्म है जिसका वास हर जीव में है।
Read Moreआज मुझे उन लोगों पर तरस आ रहा है जो मेरे मद्यपान से रुष्ठ रहते थे। मूर्ख कहीं के। वे
Read Moreउनकी गिनती संसार के शूर-वीर जंतुओं की प्रजाति में होती थी। सड़क पर पुलिस के सामने चौराहे के यातायात सिग्नल
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