नेता के देश में नागरिक (व्यंग्य)
भारत संकट के दौर से गुजर रहा है। यह इस देश की नीयती है। इसका वर्तमान हमेशा कंटकाकीर्ण ही रहा
Read Moreभारत संकट के दौर से गुजर रहा है। यह इस देश की नीयती है। इसका वर्तमान हमेशा कंटकाकीर्ण ही रहा
Read Moreदुख की उमर बहुत छोटी है, सुख ने हँस यह बात बतायी सूखे नयना हुए बावरे , पलकें भीगी और
Read Moreकिसने उगला ज़हर यहाँ और, किसने आग लगाई है? धर्म धरा पर यह किसने, नफरत की फसल उगाई है? आस्तीन
Read Moreकुछ लोगों का जन्म विरोध की कोख से होता है। वे तलवार की धार पर गर्दन रखेंगे। कुल्हाड़ी पर पैर
Read Moreमैं बचपन से बहुत झूठ बोलता हूँ। लेकिन सत्याग्रह करने से कभी नहीं डरा। इस मामले श्रीकृष्ण मेरे आदर्श रहे।
Read Moreविद्वान कहते हैं कि इस जगत में सब नश्वर है। गलत बात। एक चीज़ और है जो शाश्वत, अजर, अमर
Read Moreदेश पाषाण युग की ओर लौट रहा है। पाषाण उत्सव मना रहा है। पत्थर में भगवान तलाशे जा रहे हैं
Read Moreखून सने हाथों को, जीवन देना होगा ठीक नहीं भारत माँ के गद्दारों की, साँसें चलना ठीक नहीं जिसकी बंदूकों
Read Moreएक ऐसी वस्तु का नाम बताइए जो खाने के भी काम आती है और पहनने के भी? चकरा गए? मैं
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