गीत/नवगीत

दुख की उमर बहुत है छोटी

दुख की उमर  बहुत छोटी है, सुख ने हँस यह बात बतायी
सूखे नयना हुए बावरे , पलकें भीगी और मुसकाईं ।
हाथी पर चढ़ आया था दुख,  उल्लू ने थी बाट सजायी
पर जब सुख ने कदम धरा तो, तारों ने भी आँख बिछायी
हटी बदरिया काले दुख की, मुसकाई सुख की जुनहाई
दुख की उमर बहुत छोटी है, सुख ने हँस यह बात बतायी ।1।
दबे  पाँव  आती है खुशियाँ, ताल ठोंक दुख आँख दिखाता
लेकिन सुख का  नन्हा जुगनू, दुख के दिनकर को  डस जाता
सिर पर पग रख सब दुख भागे, जब भी सुख ने ली अंगड़ाई
दुख की उम्र बहुत छोटी है, सुख ने हँस यह बात बतायी ।2।
दुख से लोहा लेनेवाले, भला कहाँ आहें भरते हैं?
आँख मिचौनी करलें खुशियाँ, कभी न लेकिन वे डरते हैं
छोड़े साथ भले जग सारा, साथ ना दे चाहे परछाई
दुख की उमर बहुत छोटी है, सुख ने हँस यह बात बतायी।3।
दुख से लोहा लेनेवाले, भला कहाँ आहें भरते हैं?
आँख मिचौनी करलें खुशियाँ, कभी न लेकिन वे डरते हैं
छोड़े साथ भले जग सारा, साथ ना दे चाहे परछाई
दुख की उमर बहुत छोटी है, सुख ने हँस यह बात बतायी।4।
— शरद सुनेरी