जीवन-संध्या
संध्या २ महीने बाद आज जीवन से मिली थी। सावन की हल्की हल्की फुहारों वाली बारिश में जब संध्या नीले
Read Moreसंध्या २ महीने बाद आज जीवन से मिली थी। सावन की हल्की हल्की फुहारों वाली बारिश में जब संध्या नीले
Read Moreबस एक ख्वाहिश मेरीकि अपने जैसा बना दो मुझेअपने हृदय की वीणा के तारों कीसरगम बना दो मुझे मैं खुद
Read Moreकेसरिया सी निखरती मैं झांझर सी छनकती मैं चूड़ी सी खनकती मैं झरने सी बहती मैं आखिर क्यों? दुनिया पतझड़
Read Moreमोरिया सी इठलाती चाल में, कजरारे नैनों की आड़ में, गुलाबी होठों की सरगम में, कुछ तो बाकी है। गालों
Read Moreदुःख लिखूँ या दर्द लिखूँ मैं डूबती कश्ती की पतवार लिखूँ मैं सहमी मायूसी का स्वर या वेदना की गूंज
Read Moreरखकर अपनों को धोखे में यहां चैन से कोई नहीं सोता पावन दिल को मलिनता का कभी कोई भय नहीं
Read Moreगत दिनों में सामने आयी कुछ सनसनीखेज वारदातें जैसे श्रद्धा मर्डर हत्याकांड और आयुषी यादव मर्डर केस ने पूरे भारत
Read Moreचंद कागज़ी टुकड़ों पर ईमान बिकते देखा है चाटुकारिता में जमीर कुचलते देखा है मैंने रिश्तों को बदलते देखा है
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