चार दिन की
जिंदगी सिर्फ़ चार दिन की है इसका जी भर कर लुत्फ़ उठाइये प्रेम, सद्भाव, भाईचारा बढ़ाइए औरों के जितना भी
Read Moreजिंदगी सिर्फ़ चार दिन की है इसका जी भर कर लुत्फ़ उठाइये प्रेम, सद्भाव, भाईचारा बढ़ाइए औरों के जितना भी
Read Moreबहुत याद आते हैं कभी हँसाते तो कभी रुलाते हैं, कभी गुदगुदाते याद आते हैं। पापा के साथ बाजार जाना
Read Moreपुण्य कमाओ या न कमाओ पहले अपना जीवन बचाओ, धरा की हरियाली न मिटाओ अपने हाथों ही जीवन न गँवाओ।
Read Moreहे हिंदी प्रेमियों जाग जाओ राजभाषा से राष्ट्र भाषा बने हिंदी ,तो चैन मिले। ***** ये कैसा प्रेम है हिंदी
Read Moreसबके अपने अपने ढंग से सोचने का तरीका है, मगर विश्वास मानिए सबसे बेहतर मेरा सलीका है। बस! बड़े प्यार
Read Moreगुलाब खिलता है काँटों के बीच, न कोई शिकवा न ही शिकायत, नियत का खेल मान मुस्कान बिखेरता अपना स्वभाव
Read Moreखुशियों की कोई दुकान नहीं हैं कोई हाट बाजार नहीं हैं खुशियाँ कहाँ हैं ये हमारे देखने, समझने महसूस करने
Read Moreआइए! फिर इस बार भी श्राद्ध दिवस की दिखावटी ही सही औपचारिकता निभाते हैं, सामाजिक प्राणी होने का कर्तव्य निभाते
Read Moreअजी छोड़िए! आप भी क्या मजाक करते हैं, नशे से भला लोग कहाँ मरते हैं? कुछ अच्छा सोचिए करोड़ों लोगों
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