मोक्षदायिनी गंगा
ब्रह्म कमंडल से जन्मी मां गंगाजिसे ब्रह्मा जी ने सौंप दिया पर्वत राज हिमालय को,माँ गंगा को पुकारा जाता है
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Read Moreयह कैसी विडम्बना हैकि कुदरत भी हम पर हीजुल्मों सितम ढाती है,शायद वो भी हमारी बेबसी कामजाक उड़ाकर बड़ा सुकून
Read Moreजहाँ चाह वहीं राह है ये बात एकदम सही है, पर हम सबको लगता है कि ये बड़ी साधारण बात
Read Moreबड़ी उम्मीद बड़ी हसरत हैसाथ निभाना साथिया की चाहत है,यह और बात है कि हमारे मन मेंछिपा हुआ चोर भी
Read Moreशब्द या शब्दों का क्या? शब्दों की बड़ी अजब गजब माया है,हर कोई शब्दों को कहाँ जान पाया है?जो शब्दों
Read Moreवाणी को हमारे व्यक्तित्व की पहचान कहना पूर्ण सत्य नहीं कहा जा सकता, सिर्फ एक अंग भर कहा जा सकता
Read Moreआपका धन्यवाद हैजो आपने मुझे दुनिया से ही विदा कर दिया,और मेरी विदाई का खूब प्रचार कर दिया।इतना ही नहीं
Read Moreअब तो दिवास्वप्न सी लगती हैवो चूल्हे की रोटी,जिसे बड़े प्यार से माँ अपने हाथों से बढ़ाकरगोल गोल बनाकर चूल्हे
Read Moreपत्नी जी यदा कदा ही कहती हैंकुछ समझ नहीं आता कि आज क्या बनाऊँबदले में जब मैं कहता हूँकि कुछ
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