Author: *सुधीर श्रीवास्तव

भजन/भावगीत

श्रीगणेशा! आमंत्रण मेरा स्वीकार करो

हे गणेश गणपति गजानननमन मेरा स्वीकार करो,हमारी भूल बिसारकर अबआमंत्रण मेरा स्वीकार करो।रिद्धि सिद्धि को संग अपनेमूषक वाहन पर हो

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