प्रकृति के साथ खिलवाड़
प्रकृति के साथ मत कर र्दुव्यवहार किस बात की करता है अधिकार मत रोक प्रकृति की उनकी रफ्तार मत बन
Read Moreप्रकृति के साथ मत कर र्दुव्यवहार किस बात की करता है अधिकार मत रोक प्रकृति की उनकी रफ्तार मत बन
Read Moreजब जब बेईमानों के सीने पर होने लगती है ईमान की प्रहार चोर लुटेरों की महफिल में ईमानदारी से
Read Moreबह रही फागुन की बयार रंग की बरस रही है फुहार कान्हा खेले रंग गुलाल होली की मची
Read Moreचलो सपनों में हम खो जायें ख्वाबों में एक दुजे के खो जायें ख्वाब सजायेगें सपनों में हम तुम चुपके
Read Moreमाँ मुझे भी इस धरती पर अपनी कोख से आने दो इस पावन धरती पर आकर माँ बहन पत्नी
Read Moreसच्चा प्रेम तुमसे मैं किया है मर कर भी ना भूलेगें तुम्हें लाख दीवार बन जाये जमाना रूह में दफन
Read Moreअर्न्तद्वंद की पीड़ा से हूँ मैं घायल किसको बनाऊँ अपराध की कायल मन में छिड़ी है कसमकस की जंग में
Read Moreजनम दिया है गर बिटिया को भरपूर संस्कार उन्हें दीजीये हर नुक्कड़ पे भेड़िया बैठा है खबरदार उन्हें खुद कीजीये
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