कविता

वतन बना विदेश

माँग रही है माटी खून करना है दुश्मन पे वार
चुप ना बैठो घर से निकलो अय देश के कर्णधार

बाँट बाँट कर मातृभूमि का ऑचल कर रहा है प्रहार
अपनी माटी विदेश बन गई चुप क्यूं है ओ सरकार

कहाँ गुम हाे गई वीर अर्जुन के धनुष की बाण
कहाँ गुम हो गई महराणा प्रताप जो थे महान

कहाँ चली गई वीर विरांगना लक्ष्मी बाई की वो आन
कहाँ गुम हो गई वीर शिवाजी महराज के आन  शान

उठो देश के वीर नौजवानों बुला रहे हैं भगत सिंह की मान
बँटने ना पाये माँ की ऑचल अखंड है अपना हिन्दुस्तान

कहाँ गुम हो गई वेद शास्त्र के वो सब ज्ञान
जागों जागो देश वाले बँटने ना पाये देश की प्राण

— उदय किशोर साह

उदय किशोर साह

पत्रकार, दैनिक भास्कर जयपुर बाँका मो० पो० जयपुर जिला बाँका बिहार मो.-9546115088