शिव शंकर
शिव गौरी का पूजना,भरता मन में आस।होती पूरी कामना,सच्चा है विश्वास।।1महिमा भोलेनाथ की, जान गया संसार।अपने भक्तों पर करें,बाबा नित
Read Moreबांसुरी प्रेम के गीत गाती रही,सांवरे आपकी याद आती रही।नाम तेरा मुझे भा गया मोहना,गीत तेरे ही मैं गुनगननाती रही।प्रीति
Read Moreआई न प्रीतम की पातीसारी उम्र यूँ ही बिता दीमन के द्वार खोल कर देखाछाई मन ने ग़हन उदासी।अपनापन न
Read Moreबैठी बैठी सोचा करतीक्यों न प्रकृति की बात लिखूं।मानव को जो मिली प्रकृति से,आज वही सौगात लिखूं।शीतल सघन वृक्ष है,आश्रयखग
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