गीतिका/ग़ज़ल

गुरुजन

महके फिर पल- पल जीवन का
ध्यान लगा अपने गुरुजन का।

मन तो भटके इधर- उधर ही
हाथ पकड़ ले व्याकुल मन का।

अच्छा करना,अच्छा बनना
देख भरोसा क्या इस तन का।

परहित काम करें हम दिल से
सदुपयोग होगा इस धन का।

गुरुवर ने ही हमें बताया
रिश्ता बेहद अपनेपन का।

गुरु पूर्णिमा दिवस है वीनू
ध्यान लगा ले गुरु चरनन का।

— वीनू शर्मा

वीनू शर्मा

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