मुक्तक/दोहा

शिव शंकर

शिव गौरी का पूजना,भरता मन में आस।
होती पूरी कामना,सच्चा है विश्वास।।1
महिमा भोलेनाथ की, जान गया संसार।
अपने भक्तों पर करें,बाबा नित उपकार।।2
शिव शंकर दाता बड़े, करते है कल्याण।
आधि- व्याधि को दूर कर,सदा बचाते प्राण ।। 3
भोले शंकर आपके, जटा विराजे गंग।
शीश मुकुट पर चंद्र है, सोहे गले भुजंग।।4
भोले शंकर आप हो, और आप नटराज।
माहेश्वर शंकर प्रभो,सब देवों के ताज।।5
शिव शंकर का जाप ही, करता मुक्ति प्रदान।।
देव मनुज दानव सभी, पाते हैं वरदान।।6
सारे जग में  सुंदरम ,है भोले का नाम।
जिनके दर्शन मात्र से ,मिटते कष्ट तमाम।।7
जीवन में सुख चाहिए, बोलो नमः शिवाय।
रक्षा भक्तों की करें, कष्ट सभी मिट जाय।। 8
सुखद बड़ी शिव रात्रि है, अंबा शिव है साथ।
जगती के कल्याण को ,दोनों थामे हाथ।।9
पावन यह शिव रात्रि है, शिवजी की जयकार।
वीनू की विनती सुनो, शिव नन्दी  असवार।।10

— वीनू शर्मा

वीनू शर्मा

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