मां गंगे
हे नीरझरनी पाप विनाशनी विनय करु मैं शीश झुकाई हो तुम्हीं सबके मोक्षदायिनी पतित पावन नाम है गंगा भागीरथी ने
Read Moreगुरुओ के गुरू है शिवशंकर बिन गुरु ज्ञान न टूटे बंधन जो शिव को अपना गुरू बनावे सारे बंधन से
Read Moreदादी कहती थी हमारे यहां लड़कियों को सर नहीं चढ़ाया जाता अच्छे संस्कार सिखो आज बेटी हो कल के बहू
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