कविता

कविता

ये उम्र ने भी दस्तक
क्या खूब दे रही है
जिंदगी जीने की नई
राहें दिखा रही है।

ये गा रही तरानें
क्या खूब झुम रही है
मुस्किलो से लड़ने की
नई बातें बता रही है।

ये झिलमिल सितारे
क्या रौशनी दे रही है
ये कांटे भरी डगर पे
रास्तें बता रही है।

ये नभ के घने बादल
क्या वारिस दे रहा है
भिगें हुए इस पल को
नई जिंदगी दे रहा है।

— बिजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी (स्नातकोत्तर छात्रा) पता -चेनारी रोहतास सासाराम बिहार।