कविताएँ
विषय अफवाह ——– कल मेरी मौत की उड़ी अफवाह ! सारे अखबारों ने सम्पादकीय छापे । सारे चैनल दनदनाते रहे
Read Moreबता तेरे लिए क्या लिख दूँ..? बारिश की गिरती फुहार लिख दूँ, ज़िन्दगी में ना आयी जो बहार लिख दूँ,
Read Moreसताती हैं हमें हर दम,…तुम्हारे प्यार की बातें। कभी इक़रार की बातें, कभी इनकार की बातें। किए क्या ख़ूब तुमने
Read Moreमैं तिरंगा हूँ…!! कल रास्ते में मुझे कोई मिला, वह कल 16 अगस्त – 27 जनवरी कुछ भी हो सकता है। नहाया हुआ था
Read Moreखामोश हूँ मैं , अब शिकायत नहीं होती, अब इस ज़माने में , किसी का ‘दिल’ समझने की ‘रिवायत ‘
Read Moreऔरत की किस्मत में कितने गम है पुरुष कहते यह तो बहुत कम है| औरत की आँखे होती हमेशा नम
Read Moreशांत, व्यवस्थित, योजनाबद्ध शहर । लिए आगोश में, प्राकृतिक नजारे। कल तक था मैं… इक स्मार्ट शहर ॥ आज …
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