प्रेम….
सुनो ! समझो ना होने लगा है प्यार तुमसे गहराता जा रहा दिनों दिन हर एक लम्हा प्यार का रिश्ता
Read Moreमेरी रूह तेरे रूह की पैरहन में लिपटे खामोश फ़िज़ा में कुछ इस तरह सिमटे दिल की ख़िलाफ़त एक-एक लम्हें
Read Moreतिरंगा शान है अपनी ————————– तीन रंग से बना तिरंगा ये आत्मा है अपनी तिरंगा शान है अपनी || सीमा
Read Moreमुझमे ही तू है मैं हूँ तुझमे ही समस्त ब्रह्माण्ड ही है हम में ही समाया जग राधा कहे मुझको
Read Moreआज देखी है मैंने जल की तृष्णा बड़ी भयंकर,विभत्स,अनोखी सी। अजस्र नरों का रक्त पीकर इठलाती चल दी भूखी सी।
Read Moreकोशिशें तो बहुत की हमने तुमसे दूर चले जाने की पर इसकदर तुम्हारी चाहत में मजबूर हुए चाहकर भी दुरी
Read Moreतन्हा होती हूँ जब अपने आप से बातें करती हूँ कभी सोचती हूँ कि तुम न होते तो… कोने में
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