कविता
कविता कविता दिल का दर्पण है , कविता मन का समर्पण है, कविता उठते भावों का प्रदर्शन है, कविता ज़ज़्बातों
Read Moreकुछ अपने अरमान दबा कर कुछ अपने ज़ज़्बात छिपा कर कुछ उनके अहसान उठा कर कुछ अपना वक़्त बिता कर
Read Moreये परदेश की लड़कियां कितनी बेखोफ़ होकर सात समंदर पार होकर बेख़ौफ़ चली आती है परिंदो की तरह आजाद होकर
Read Moreआंकड़ो में रोज घटती जा रही है गरीबी, फाइलों में ही सिमटती जा रही है गरीबी। देखना है गांव की
Read Moreदूसरी दुनिया का चक्कर काट आयीं लड़कियाँ, समुन्दर की गहराइयों से पार पायीं लड़कियाँ। दुश्मनों की जरूरत है इन्हें अब
Read Moreमरो – मरो परन्तु यों मरो कि मरना तुम्हारा निज राष्ट्र के काम आये मरना तुम्हारा सार्थक हो जाये करो
Read Moreविधान~ 4 चरण,2-2 चरण समतुकांत। विषम पाद- सगण सगण सगण गुरु(10वर्ण) 112 112 112 2 सम पाद-भगण भगण भगण गुरु
Read Moreलो फिर आ गई सावन की झड़ी मोहन के इंतजार में राधा है खड़ी। करके सोलह श्रृंगार राधा मन मोहन
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