“हाइकू”
उमस बढ़ी बदरी घिर आई पसिजे मेह॥-1 सूखी अवनी है विह्वल सजनी छलके नेह॥-2 आतुरताई पवन पुरुवाई आस बढ़ाए॥-3 बूंद
Read Moreवक्त भी कैसे कैसे रंग दिखाता है कभी हंसाता है तो कभी रुलाता है फूलों की सेज मिलती है कभी
Read Moreकाश मैं हिन्दू ना रहूँ और तुम मुस्लिम ना रहो, चलो अब गले लगाकर तुम आमीन तो कहो। आओ सारा
Read Moreदो टूक की खामोशी सिमटी साज़िशों में उलझ गये… कुछ तो था……. तेरे-मेरे दरमियां… वक़्त के मंज़र पल के अहसास
Read Moreचलने से पहले सोंच समझकर अपने लक्ष्य की रेखाएँ खींचना चाहता हूँ। लक्ष्यहीन भटकन से बचकर उस मंजिल तक पहुंचना
Read More(1) मोहभंग आक्रोश की इस घडी में आइए सिध्दार्थ, कबीर की तरह समाज धर्म की बुरी विचारधारा पर प्रहार करें।
Read Moreनाचत हिरन वहाँ, वनराज वन में सोहत मुकुट जहाँ, युवराज धन में।। मोहक किरन कली, हमराज अपना नाहक फिरन चली,
Read Moreकुदरत ने सब कुछ दिया, आम पाम अरु जाम हम मानव ने रख दिया, अमृत फल का दाम अमृत फल
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