गौरैया
‘ गौरैया ‘ फुदक-फुदक कर चलती है, पल में जगह बदलती है। इसकी सुन्दरता सबने जानी, गौरैया है चिड़ियों
Read Moreआज सोच रही थी तुम्हें उतने में चुपके से बाए आँख के पोर से एक आंसू की बूँद जैसे खुद
Read Moreगोबर, तुम केवल गोबर हो। या सारे जग की, सकल घरोहर हो। तुमसे ही निर्मित, जन-जन का जीवन, तुमसे ही
Read Moreअगर हौसला तुम में है तो, कठिन नहीं है कोई काम। पाँच – तत्व के शक्ति – पुंज, तुम सृष्टी
Read Moreवो भी अजब नजारा था एक बूढ़ी माँ की छाती फटी की फटी रह गयी। मुँह से तो वो एक
Read Moreकैसे कह दूं तुझसे कि अब प्यार नहीं, ये दिल ही तो है कोई खिलौना तो नहीं । दर्द ऐ
Read More“एक शाम-उनके नाम” चलो आज हम एक नया काम करते हैं, ये दिन भूखे-गरीबों के नाम करते हैं। कुछ रोटियां
Read Moreदर्द पराए समझे अपने,वही कहाए कवि। फिर-फिर जोड़े टूटे सपने,वही कहाए कवि। जो भूलों को राह दिखाता,वही कहाए कवि।
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