चाहती तो आज भी हूँ..
चाहती तो मै आज भी हूँ तुम्हे लेकिन बस एक अंतर है पहले तुम मेरे साथ थें आज मै तुम्हारे
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Read Moreअमन का घोड़ा ……………….. मातम से अंधियारे में कोशिश में विश्वास बहुत है तस्वीर कभी तो बदलेगी फिज़ा को ये
Read Moreज़ख्म मेरे दिल के वो… कुछ इस तरह भरता रहा माँग माफ़ी, पिछली खता की नई खता करता रहा !!
Read Moreवो पल भर की जुदाई न थी यादों से रिहाई वक़्त… काटे न कटा हर लम्हा… सदियों सा लगा वो
Read Moreबचपन मे ही छिन गया बचपना विद्यालय जाना भी हो गया दूर्लभ चिलचिलाती धूप मे भी तोडना पड रहा है
Read Moreऐ दिल सीख ले ज़माने में हालात के हिसाब से ढलना कि तेरे शौक और फरमाइशें मेरे तो बस के
Read Moreइन्सान जब करता है मिसयूज़। भगवन भी सब देख के होता है कन्फ्यूज़। कभी बने बो लखपति कभी रहे बिन
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