कितनी दूर
कितनी दूर है वो मुझसे फिर भी हर घडी क्यों उसका इंतज़ार है मुझे उसके दिल में जाने क्या है
Read Moreबेटा जो उम्मीदो पर खरा उतर जाए तो झुर्रिया अपने आप कम हो जाए और चेहरे पर बेसाख्ता हँसी आ
Read Moreचहकित चकित चेतन चलत, चैतन्य की चितवन चुरा; जग चमक पर हो कर फ़िदा, उन्मना हो हर्षित घना ! शिशु
Read Moreकबहू उझकि कबहू उलटि, ग्रीवा घुमा जग कूँ निरखि; रोकर विहँसि तुतला कभी, जिह्वा कछुक बोलन चही ! पहचानना आया
Read More“बसंत जगा रहा है” शायद वो बसंत है, जो पेड़ों को जगा रहा है मंजरी आम्र का है, कुच महुआ
Read Moreबड़ी मुश्किल से सभाला है खुद को पैमाने तक लाकर! तू जो आ जाए तो कसम की लाज रह जाए!
Read Moreसुनो कुछ खास लम्हे को साथ बिताने दो अपने इस जीवन को खास बनाने दो बहुत बनी रही यें दूरियॉ
Read Moreकितना कहा मैंने खुद से जिरह में जीतना भूल गई हो तुम भूल गई हो खुद को पंख होते हुए
Read Moreसादर शुभ प्रभात मित्रों, आज विश्व महिला दिवस पर मंच की सभी महिला मित्रों को सादर प्रणाम, महिला शक्ति को
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