कविता

साथ बिताने दो

सुनो कुछ खास लम्हे को
साथ बिताने दो
अपने इस जीवन को
खास बनाने दो
बहुत बनी रही यें दूरियॉ
अब दूरियॉ मिट जाने दो
मैने तुम्हे चाहा
तुमने मुझे पाया
अब इस प्यार रूपी फूल को
और खिल जाने दो
कदम से कदम मिलाकर
प्यार के नयें तराने लेकर
आगे बढ जाने दो|
निवेदिता चतुर्वेदी

निवेदिता चतुर्वेदी

बी.एसी. शौक ---- लेखन पता --चेनारी ,सासाराम ,रोहतास ,बिहार , ८२११०४