बात वे मुझसे नहीं कर पाते!
बात वे मुझसे नहीं कर पाते,प्रतीक्षा मेरी हैं किया करते;बात करनी है लिखते हैं रहते,फ़ोन पर उठा बात ना करते!
Read Moreबात वे मुझसे नहीं कर पाते,प्रतीक्षा मेरी हैं किया करते;बात करनी है लिखते हैं रहते,फ़ोन पर उठा बात ना करते!
Read Moreचाहते मिलना कोई हैं हमसे,चाहतें कितनी दिल रखे वे हैं;शर्तें कितनी संजोए राखे हैं,रिश्ते कितने बनाना चाहे हैं! साफ़ ना
Read Moreआज मैं आनन्द में हूँ, सृष्टि मेरी सौम्य है; देह मम स्फूर्ति में है, कर्म करने योग्य है! थकावट सारी
Read Moreशास्त्र उनके हैं शस्त्र उनके हैं, शरीर प्राण प्रण उन्हीं के हैं; तान उनकी में सभी चलते हैं, भान उनके
Read Moreव्यस्त है देखने में हर कोई, जाल पत्रों में विचरी दृष्टि रही; गोद में सारा विश्व पसरा रहा, गुदगुदा गुनगुना
Read Moreजगत उनके रहे हैं गत सब ही, गति उनकी में बहे हैं यों ही; ज्ञान ना कहाँ है और क्यों
Read Moreकोई बेचैन विश्व उनके है, रहस्य उनका कहाँ समझे है; दृष्टि उनकी है सृष्टि उनकी है, फिर भी हैरान औ
Read Moreकौरव से कर्म क्रूर करा, पाण्डव सुधा; आक्रोश रोष भव में फुरा, साधते विधा ! अर्जुन का शौर्य सूझ बूझ,
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