नींद
नींद उचट गई है , बारिश की बूंदे भीनी भीनी आसमान से छिटक रही है सवाल था बूंदों से मेरी
Read Moreदुनिया में कुछ लोग तो इतने “गरीब” होते हैं, उनके पास पैसे के सिवा और कुछ नहीं होता . बस
Read Moreजो मोहब्बत में फना हुए उन्हें किताबों में उतारो । पढ़ेगें रस्में मोहब्बत जरा दिल में जगह दो । काँटों
Read Moreथी निर्भया या दामिनी, या मात्र नारी याचिनी। सृष्टि-अभया दिव्य पूजित, दुख सह रही जग-दायिनी।। कैसी विधा है न्याय की,
Read Moreगरज रहे हैं बादल आसमान में जमकर, चमक रही है बिजली आसमान में जमकर। हम बैठे हैं घरौंदों में बूंदों
Read Moreआप बचपन में कहाँ थे, आज है क्या हाल देख जाओ गाँव आकर, खो गए हैं ताल। हर नहर सूखी
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