खुद फांसी को गर डाल रहा
गरज रहे हैं बादल आसमान में जमकर, चमक रही है बिजली आसमान में जमकर। हम बैठे हैं घरौंदों में बूंदों
Read Moreगरज रहे हैं बादल आसमान में जमकर, चमक रही है बिजली आसमान में जमकर। हम बैठे हैं घरौंदों में बूंदों
Read Moreआप बचपन में कहाँ थे, आज है क्या हाल देख जाओ गाँव आकर, खो गए हैं ताल। हर नहर सूखी
Read More4.हमको डाल पर रहने दो सुमन हमारा नाम सजीला अच्छा मन हम रखते हैं। हमको चाहे कोई ले-ले, खुशबू
Read Moreकभी राह दुर्गम धोखा सा बनाती है भर पथ में पाहन खड्डे से बताती है. मिला जो वाट हर पल
Read Moreवो बचपन की पहली बारिश याद है हमें , जब मैंने उसे अपने हाथों पर महसूस किया था ! जब
Read More