अधूरी कहानी: अध्याय-4: बिरजू कालिया
बिरजू कालिया,रंग काला, उम्र पच्चीस के आसपास, लम्बाई लगभग साड़े पाॅच फुट, घुंघराले बाल, अपने बैडरूम में सोया हुआ था।बैडरूम
Read Moreबिरजू कालिया,रंग काला, उम्र पच्चीस के आसपास, लम्बाई लगभग साड़े पाॅच फुट, घुंघराले बाल, अपने बैडरूम में सोया हुआ था।बैडरूम
Read Moreजब मैंने काम शुरू किया था, उस समय बहुत से इंडियन पाकिस्तानी और जमेकन लोग बस्सों पे काम करने के लिए
Read More“पांडे मैडम शाम को सपरिवार उमा दीदी को देखने आ रही हैं ” जानते ही घर की हलचल बढ़ गयीं
Read More“का हो बबुआ, घरे आई लछिमी कोनों ढुकरात है?” माँ के स्वर में थोड़ा दर्द और ज्यादा व्यंग था, राज यकायक
Read Moreउस भीड़ वाले माहोल मे भी किरण का जैसे दम घुटने लगा| मेजबान अंजली किरण की परेशानी को कब से
Read Moreलाली के साथ हमारी ट्रेनिंग खत्म हो चुक्की थी। सोमवार को मैंने वर्दी पाई ,सर पर हैट ली और घर
Read Moreसीमा के पति रिटायर्ड होने वाले थे। अभी तक ना मकान बना था और ना ही बच्चे किसी काम धंधे अथवा
Read Moreलघुकथा- नफरत अख़बार में प्लास्टिक की बोरी पर दीपक बेचते गरीब बच्चे की फोटो के साथ उस की दास्ताँ छपी
Read Moreडिटेक्टीव समीर पुलिस स्टेशन में अपने ऑफिस में बैठा था उतने में एक ऑफिसर वहां आ गया उसने पोस्टमार्टम रिपोर्ट
Read Moreट्रायपोड पर नया कैनवास लगा कर हाथ में कूची लिए वह देर तक बैठा सोचता रहा कि किस आकार और
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