छन्द : शोकहर/ सुभांगी
सुनो दिवानी,राधा रानी,बृषभानु लली, रख प्रीती । क्षोभ सतावे,चैन न आवे,दिल ही जाने,जो बीती । यह सब साँचो,आँखिन बांचो,नहि कुटिल
Read Moreसुनो दिवानी,राधा रानी,बृषभानु लली, रख प्रीती । क्षोभ सतावे,चैन न आवे,दिल ही जाने,जो बीती । यह सब साँचो,आँखिन बांचो,नहि कुटिल
Read Moreआभासी इक मीत ने ,खूब गिराई गाज दिल टूटा, धन भी लुटा,निकली धोखेबाज । निकली धोखेबाज , मिलन का न्योता आया
Read Moreजूता सिसकी भरि रहा, ये मेरा अपमान सोच-समझ कर तानिए, फिर करिए संधान फिर करिए संधान, ‘केजरी’ मुवां निठल्ला संविधान
Read Moreसखा मुलायम मान लो,अब तुम ‘हमरी’ बात ‘बेटुवा’ को दे दीजिए, कुर्सी और जमात कुर्सी और जमात, ‘बुढौती’ की है
Read Moreबिल्ली, कुत्ते, लोमडी, खच्चर, गधे, सियार सारे मिलकर करेंगे, पुनः शेर पर वार पुनः शेर पर वार, देखिये फिर ठगबंधन
Read Moreदेख गरीब मजाक करो नहि, हाल बनो किस कारण जानो। मानुष दौलत पास कितेकहु, दौलत देख नही इतरानो। ये तन
Read Moreतुम्ही छाँव तुम्ही धूप, तुम्ही मेरा प्रतिरूप तुम्ही मेरी आन-बान, जीवन की आस हो जीने का ये रंग-ढंग, साँस-साँस
Read Moreकैसे बने ये डॉक्टर , कैसे ये जल्लाद । कीमत मांगें लाश की ,सुनै नहीं फ़रियाद ॥ सुनै नहीं फ़रियाद,
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