दो कुंडलियाँ
1. हमने देखा आज फिर, अपना मौन टटोल। एकाकीपन के वहाँ, मिले फटे कुछ ढोल॥ मिले फटे कुछ ढोल और
Read More1. हमने देखा आज फिर, अपना मौन टटोल। एकाकीपन के वहाँ, मिले फटे कुछ ढोल॥ मिले फटे कुछ ढोल और
Read Moreकुंडलियाँ छंद – ________ 1. फूले सुधड़ गुलाब ये , काँटों के ही संग | मुश्किल पर जब जीत हो
Read Moreखुशियां होठो पर मुस्काएं, मन अनंत उदगारित हो। हर अभिलाषा पूरित हो, और कर्म समय से कारित हो। धन वैभव
Read Moreगाँधी वाले राष्ट्र में, जलती नफरत आग। नेता खंडित कर रहे, आपस का अनुराग। आपस का अनुराग, सियासत को जो
Read Moreलाठी हाथ मे लीजिए, बड़े काम की चीज़ देखि के दुश्मन भी डरें, रहे हाथ को मीज रहे हाथ को
Read Moreमक्का हज करने गए, कई लाख जो लोग। अल्ला कैसे हो गया, दुखद बड़ा संयोग। दुखद बड़ा संयोग, मची
Read Moreराम राम मन में बसे, राम नाम में लीन । और कछु सूझत नहीं, मन प्रभु के आधीन ।।
Read Moreमेरी पहली कुंडलिया :- खालीहांड़ी देख कर, बालक हुआ उदास। फिर भी माँ से कह रहा, भूख लगी ना प्यास।।
Read Moreसोने की चिड़िया कभी, कहलाता था देश आई आँधी लोभ की, सोना बचा न शेष। सोना बचा न शेष, पुनः
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