वर्ण पिरामिड : भूमि
वर्ण पिरामिड है भूमि जननी चीर सीना अन्न जल दे बिन भेदभाव है ये पालनहार न कर दोहन स्वार्थी इंसा
Read Moreवर्ण पिरामिड है भूमि जननी चीर सीना अन्न जल दे बिन भेदभाव है ये पालनहार न कर दोहन स्वार्थी इंसा
Read Moreहस्ताक्षर नकली हैं कहने वालो होश में आओ हस्ताक्षर नकली नहीं असली हैं अक्षरों को हमने गीत संगीत लय राग रागनियों ठुमरी
Read Moreबारिश की बहार हो पानी की बौछार हो फुहार हो लेकिन क्या फर्क पड़ता है हाथ में मुवाईल है?
Read Moreबेहतर है वे जो तर है दिमाग से दिल से स्वास्थ्य से शिक्षा से अनुभव से चरित्र से क्या मैं
Read More“भूख “भूखे को भी खा लेती है कविता बन जाती है, दोनों भोजन की तलाश में निकले थे भूखे को
Read Moreतोते को पढ़ाओ तुम कितना भी सिर्फ नकल ही तुम्हारी करेगा । क्योंकि अक्ल की बातें दोनों गुप्त रखते हैं
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