क्षणिका : अक्ल है ही नहीं
तोते को पढ़ाओ तुम कितना भी सिर्फ नकल ही तुम्हारी करेगा । क्योंकि अक्ल की बातें दोनों गुप्त रखते हैं
Read Moreतोते को पढ़ाओ तुम कितना भी सिर्फ नकल ही तुम्हारी करेगा । क्योंकि अक्ल की बातें दोनों गुप्त रखते हैं
Read Moreजीवन है दौड़ का एक मैदान, यहां दौड़ता है हर सामर्थ्यवान, उसने खुद भी समझा है, औरों को भी समझाया
Read Moreकामयाबी कामयाबी ही होती है, छोटी-बड़ी नहीं होती है, कामयाबी का पहला कदम मज़बूत हो, तो कामयाबी की नींव मज़बूत
Read Moreन तोड़ना चाहते थे… हम नियमों की दीवारें ! और न जाने कितनी बार बेमौत मरे हम !! अंजु गुप्ता
Read Moreजब दिल हंसता है, तो पूरी दुनिया खिल उठती है, हंसी बस खूबसूरत होती है, बेइंतहा खूबसूरत होती है, हंसी
Read Moreमैं असीमित होना चाहती हूं, सीमित होना मेरी फितरत नहीं, मैं सकारात्मक होना चाहती हूं, नकारात्मक होना मेरी फितरत नहीं,
Read Moreसहज भाव से कविता को सजाते रहिए, इस तरह अपने मन के गीत को सुनाते रहिए. विनीत भाव से अपने
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